चंद्रयान-3 की सम्पूर्ण जानकारी | Chandrayan 3 in Hindi

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नमस्ते दोस्तों! आज मैं आपके साथ चंद्रयान-3 के बारे में एक बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक ब्लॉग पोस्ट साझा करने जा रहा हूँ। चंद्रयान-3 भारत की स्पेस एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा चलाया जा रहा है तथा यह हमारे देश के लिए गर्व का विषय है। यह मिशन हमारे वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की प्रगति को दर्शाने का एक और महत्वपूर्ण कदम है। चलिए जानते हैं चंद्रयान 3 के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।

चंद्रयान 3 क्या है और इसके मिशन उद्देश्य क्या हैं?

चंद्रयान 3 भारत का एक चंद्र अभियान है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा लांच किया गया है। यह मिशन चंद्रमा की सतह पर उतरने और चंद्रमा के भूविज्ञान, खगोलभौतिकी और चंद्र वातावरण के बारे में जानकारी एकत्र करने का प्रयास करेगा।

चंद्रयान 3 के मिशन उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • चंद्रमा की सतह पर उतरना
  • चंद्रमा के भूविज्ञान के बारे में जानकारी एकत्र करना
  • चंद्रमा के खगोलभौतिकी के बारे में जानकारी एकत्र करना
  • चंद्रमा के वातावरण के बारे में जानकारी एकत्र करना
  • चंद्रमा पर मानव मिशन के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना
chandrayan 3 mission infographic
Credit: Graphic News

चंद्रयान 3 भारत के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन से भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन जाएगा। चंद्रयान 3 से प्राप्त जानकारी भारत के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम को और अधिक मजबूत करेगी और भारत को चंद्रमा पर मानव मिशन के लिए एक कदम आगे बढ़ाएगी।

चंद्रयान 3 को कब लॉन्च किया गया?

चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। यह मिशन चंद्रमा की सतह पर उतरने और चंद्रमा के भूविज्ञान, खगोलभौतिकी और चंद्र वातावरण के बारे में जानकारी एकत्र करने का प्रयास करेगा। चंद्रयान 3 का लैंडर चंद्रमा की सतह पर 2 किमी की गहराई तक जाने में सक्षम होगा। चंद्रयान 3 में एक रोवर भी होगा, जो चंद्रमा की सतह पर 5 किमी की दूरी तक यात्रा करने में सक्षम होगा।

चंद्रयान 3 भारत के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन से भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन जाएगा। चंद्रयान 3 से प्राप्त जानकारी भारत के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम को और अधिक मजबूत करेगी और भारत को चंद्रमा पर मानव मिशन के लिए एक कदम आगे बढ़ाएगी।

चंद्रयान 3 मिशन का नेतृत्व कौन कर रहा है?

चंद्रयान 3 मिशन का नेतृत्व श्रीमती रितु करिधाल कर रही हैं। वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं और उन्होंने चंद्रयान 1 और चंद्रयान 2 मिशनों में भी काम किया है। इनको भारत की राकेट वुमन के नाम से भी जाना जाता है।करिधाल एक कुशल इंजीनियर और वैज्ञानिक हैं और उन्होंने चंद्रयान 3 मिशन को सफल बनाने के लिए एक समर्पित टीम का नेतृत्व किया है। रितु करिधाल ने 1997 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हुईं।

चंद्रयान 3 चंद्रयान 2 से कैसे अलग हैं?

चंद्रयान-2 में एक ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर शामिल थे। चंद्रयान-3 में एक लैंडर मॉड्यूल (LM), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है। यह प्रोपल्शन मॉड्यूल से सुसज्जित है, और इसमें स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ (SHAPE) नामक एक पेलोड है। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का आगामी मिशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

चंद्रयान-3 में दो लैंडर खतरे का पता लगाने और बचाव वाले कैमरे हैं, जबकि चंद्रयान-2 में केवल एक कैमरा था। चंद्रयान-3 के कैमरे अधिक मजबूत हैं और पैरों की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए लैंडर लेग मैकेनिज्म परफॉर्मेंस टेस्ट भी किया गया है।

चंद्रयान-3 का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना और चंद्रमा के इतिहास, भूविज्ञान और संसाधनों की क्षमता का अध्ययन करना है। यह मिशन चंद्रमा पर भारत का तीसरा मिशन होगा।

chandrayan 3 payload
Chandrayan 3 Payload

चंद्रयान 3 को किस राकेट में लांच किया गया?

चंद्रयान 3 को LVM3 M4 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। इससे पहले जीएसएलवी-एमके-III (जीएसएलवी-महाकाव्य) कहा जाता था। यह रॉकेट भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित किया गया है और यह भारत का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है।

जीएसएलवी-एमके-III का वजन 640 टन है और यह 10 टन से अधिक वजन के उपग्रहों को कक्षा में ले जा सकता है। चंद्रयान 3 को जीएसएलवी-एमके-III के एफ07 संस्करण से लॉन्च किया गया था। इस संस्करण में चार इंजन हैं और यह चंद्रमा की सतह पर उतरने में सक्षम है। चंद्रयान 3 को 14 जुलाई, 2023 को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।

Chandrayan 3: निष्‍कर्ष

चंद्रयान-3 मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इसमें हमारे वैज्ञानिकों की प्रगति, उद्यमिता, और नवीनतम तकनीकी संभावनाओं की प्रदर्शन की संभावना है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान को एक नया मोड़ देगा और हमें अंतरिक्ष में भारत की उपस्थिति को बढ़ाने में मदद करेगा।

इस पोस्ट में हमने चंद्रयान-3 मिशन के बारे में एक संक्षेप में जानकारी प्रदान की है। यह अगला अध्याय भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम में एक महत्वपूर्ण कदम है और हमें गर्व का अनुभव कराता है। चंद्रयान-3 भारतीय वैज्ञानिकों के प्रयासों का परिणाम है, जो हमें अंतरिक्ष में और उसके परे नए सीमाओं को छूने में सफल हुए हैं। हमें आशा है कि यह मिशन नए खोजों और ज्ञान के संसाधन खोलेगा और दुनिया को एक महान अवसर प्रदान करेगा।

धन्यवाद।

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