Indian Classical Dance in hindi – भारत में नृत्य एक प्राचीन और प्रसिद्ध परंपरा रही है। अलग अलग राज्यों में अलग अलग लोक तथा शास्त्रीय नृत्य किये जाते हैं।
जैसा की नाम से प्रतीत होता है शाश्त्रीय नृत्य का उल्लेख शास्त्रों में किया गया है। भरत मुनि की पुस्तक नाट्यशास्त्र में classical dance of India का वर्णन मिलता है।
भारत में प्रमुख 8 शाश्त्रीय नृत्य हैं जो संगीत नाटक अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
Table of Contents
8 Indian classical dance in hindi
भारत के 8 प्रमुख शाश्त्रीय नृत्य निम्नलिखित हैं।
- भरतनाट्यम (Bharatnatyam)
- कत्थक (Kathak)
- कत्थकली (Kathakali)
- कुचिपुड़ी (Kuchipudi)
- ओडिसी (Odisi)
- मणिपुरी (Manipuri)
- सत्त्रिया (Shatriya)
- मोहिनीअट्टम (Mohiniattam)
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भरतनाट्यम – classical dance of Tamilnadu
भरतनाट्यम तमिलनाडू का classical dance है। यह नृत्य भरत मुनि के नाट्य शास्त्र पर आधारित है।
इस नृत्यकला को चार महत्वपूर्ण तत्वों क द्वारा दर्शाया जाता है। यह भाव, राग, ताल तथा नृत्य का एक अद्भुत संयोजन है।
इन्ही शब्दों से मिलकर भरतनाट्यम शब्द बना है। यह शाश्त्रीय नृत्य के सभी पारंपरिक पहलुओं को शामिल करता है।
कत्थक नृत्य – classical dance of Uttar Pradesh
कत्थक नृत्य मुख्य रूप से उत्तर भारत में प्रचलित है। कत्थक उत्तर प्रदेश राज्य का classical dance है।
भारत में कत्थक की उत्पति भक्ति आन्दोलन के समय में हुई थी। मान्यता है कि कत्थक नृत्य भगवन कृष्णा द्वारा किया गया था।
कत्थक शब्द की उत्पति संस्कृत में कथा शब्द से हुई है।
इस नृत्य में मुख्य रूप से एक कथा को नृत्य के रूप में दर्शाया जाता है।
उत्तर प्रदेश के अलावा यह नृत्य राजस्थान तथा मध्यप्रदेश में भी किया जाता है।
कत्थकली- केरल का classical dance
कत्थकली की शुरुवात 17 वीं सदी में केरल राज्य में हुई थी। यह नृत्य विशेष रूप से रामायण तथा महाभारत आधारित होता है।
इस साष्ट्रीय नृत्य में अच्छाई तथा बुराई के बीच में युद्ध को कहानी की तरह दर्शाया जाता है।
kathakali dance को एक विशेष तरह की पोषक तथा चेहरे में मेकअप लगा कर किया जाता है। इस नृत्य को करते समय नृतक कभी बोलते नहीं हैं। वह सिर्फ चेहरे की अभिव्यक्ति तथा हाथों के हव भाव से नृत्य को प्रदर्शित करते हैं।
कुचिपुड़ी- classical dance of Andhra Pradesh
कुचिपुड़ी भारत के 8 classical dance में से एक है जो की मुख्या रूप से आँध्रप्रदेश राज्य में प्रचलित है। कुचिपुड़ी की शुरुवात आंध्र प्रदेश के कुचिपुड़ी नामक ग्राम से हुई थी।
पारंपरिक कुचिपुड़ी का प्रदर्शन पुरुष मंडली द्वारा किया गया था। पुरुष अग्निवश्त्र पहनते हैं तथा महिलाएं साड़ी पहन कर इस नृत्य को करती हैं।
ओडिसी – classical dance of Orissa
ओड़िसी भारतीय राज्य ओडिशा की एक शास्त्रीय नृत्य शैली है। ओडिसी नृत्य को पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर सबसे पुराने जीवित नृत्य रूपों में से एक माना जाता है। अद्यतन काल में गुरु केलुचरण महापात्र ने इसका पुनर्विस्तार किया।
ओड़िसी पारंपरिक रूप से प्रदर्शन कला की एक नृत्य-नाटिका शैली है।
इसमें निचले (फुटवर्क), मध्य (धड़) और ऊपरी (हाथ और सिर) के रूप में ज्यामितीय समरूपता और लयबद्ध संगीत प्रतिध्वनि के साथ पूर्ण अभिव्यक्ति और दर्शकों के जुड़ाव के तीन स्रोत हैं।
मणिपुरी – classical dance of Manipur
मणिपुरी उत्तरी पूर्व राज्य मणिपुर में किया जाने वाला नृत्य है।
यह नृत्य भारत के अन्य नृत्य रूपों से भिन्न है। इसमें शरीर धीमी गति से चलता है, सांकेतिक भव्यता और मनमोहक गति से भुजाएं अंगुलियों तक प्रवाहित होती है।
यह नृत्य रूप 18वीं शताब्दी में वैष्णव सम्प्रदाय के साथ विकसित हुआ जो इसके शुरुआती रीति रिवाज और जादुई नृत्य रूपों में से बना है। विष्णु पुराण, भागवत पुराण तथा गीत गोविंदम की रचनाओं से आई विषय वस्तुएं इसमें प्रमुख रूप से उपयोग की जाती हैं।
सत्त्रिया – classical dance of Assam
सत्रीय नृत्य असम का शाश्त्रीय नृत्य है। वर्ष 2000 में इस नृत्य को भारत के आठ शास्त्रीय नृत्यों में सम्मिलित होने क गौरव प्राप्त हुआ। इस नृत्य के संस्थापक महान संत श्रीमनता शंकरदेव हैं।
सत्त्रिया नृत्य का मूल आमतौर पर पौराणिक कहानियों होती हैं। यह एक सुलभ, तत्काल और मनोरंजक तरीके से लोगों को पौराणिक शिक्षाओं को पेश करने का एक कलात्मक तरीका था।
परंपरागत रूप से, यह नृत्य केवल मठों में ‘भोकोट’ (पुरुष भिक्षुओं) द्वारा, अपने दैनिक अनुष्ठान के एक भाग के रूप में या विशेष त्योहारों को चिह्नित करने के लिए, प्रदर्शन किया जाता था।
आज सत्त्रिया नृत्य केवल पौराणिक विषयों तक सीमित नहीं हैं और दोनो पुरुषों और महिलाओं द्वारा मंच पर प्रदर्श्न किया जाता है।
मोहिनीअट्टम – classical dance of Kerela
मोहिनीअट्टम की जड़ों, सभी शास्त्रीय भारतीय नृत्यों की तरह, नाट्य शास्त्र में हैं – यह एक प्राचीन हिंदू संस्कृत ग्रन्थ है जो शास्त्रीय कलाओ पर लिखी गयी हैं।
यह परंपरागत रूप से व्यापक प्रशिक्षण के बाद महिलाओं द्वारा किया एक एकल नृत्य है।
मोहिनीअट्टम नृत्य शब्द मोहिनी के नाम से बना है, मोहिनी रूप हिन्दुओ के देव भगवान विष्णु ने धारण इसलिए किया था ताकि बुरी ताकतों के ऊपर अच्छी ताकत की जीत हो सके।
List of Indian Classical Dance in hindi
Indian Classical Dance | State |
---|---|
भरतनाट्यम (Bharatnatyam) | तमिलनाडू |
कत्थक (Kathak) | उत्तरप्रदेश |
कत्थकली (Kathakali) | करेला |
कुचिपुड़ी (Kuchipudi) | आँध्रप्रदेश |
ओडिसी (Odisi) | उड़ीसा |
मणिपुरी (Manipuri) | मणिपुर |
सत्त्रिया (Shatriya) | असम |
मोहिनीअट्टम (Mohiniattam) | केरल |
FAQs – भारतीय शाश्त्रीय नृत्य
भारत के प्रमुख 8 शाश्त्रीय नृत्य हैं। भरतनाट्यम, कत्थक, कत्थकली, कुचिपुड़ी, ओडिसी, मणिपुरी, सत्त्रिया, मोहिनीअट्टम भारत के प्रमुख शाश्त्रीय नृत्य हैं।
लखनऊ घराने के ईश्वरी प्रसाद को कत्थक का जनक माना जाता है।
भारत का सबसे पुराना शाश्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम है। यह लगभग 2000 साल पूर्व नात्य शाश्त्र पर आधारित है।
उत्तर प्रदेश का प्रमुख शाश्त्रीय नृत्य कत्थक है।
तमिलनाडू का प्रमुख शाश्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम है।
कत्थकली और मोहिनिपत्तम केरल के 2 प्रमुख शाश्त्रीय नृत्य हैं।
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