Third Party Insurance Meaning in Hindi | थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है?

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दोस्तों आपने अक्सर थर्ड पार्टी इन्सुरांस के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपको Third Party Insurance Meaning in Hindi के बारे में पता है?  फर्स्ट पार्टी इन्सुरांस यानी अपनी गाडी या सामान को रिपेयर करवाने के इन्सुरांस क्लेम्स तो हम अक्सर लेते रहते हैं लेकिन थर्ड पार्टी इसुरांस का क्लेम लेना, कम जानकारी उपलब्ध होने के कारण  मुश्किल होता है। Third Party Insurance में काफी काफी बड़े और दुर्लभ क्लेम भी लिए जाते हैं जिस कारण  इसकी जानकारी होना महत्वपूर्ण हो जाता है।  

इस आर्टिकल में मैं आपको थर्ड पार्टी इन्सुरांस क्या होता है? (Third Party Insurance Meaning in Hindi), थर्ड पार्टी इन्सुरांस को कैसे क्लेम किया जाता है, इसकी प्रक्रिया, इसमें क्या क्या कवर होता है तथा थर्ड पार्टी इन्सुरांस को क्लेम करने के बाद किता पैसा मिलत है, की सम्पूर्ण जानकारी दूंगा। 

Third Party Insurance Meaning in Hindi

Third Party Insurance को हिंदी में ततृतीय पक्ष बीमा पालिसी भी कहा जाता है। अगर आप कोई बीमा पालिसी करवाते हैं तो इसमें 1st party आप होंगे, 2nd party आपकी इन्सुरांस कंपनी होगी तथा 3rd party कोई अन्य वस्तु या इन्सान होगा जिसको आपकी गाडी द्वारा हानी पहुच सकती है। इसी थर्ड पार्टी के नाम से जो इन्सुरांस किया जाता है उसको थर्ड पार्टी बीमा पालिसी कहा जाता है। 

थर्ड पार्टी इन्सुरांस क्या होता है?

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस एक ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी है जो पॉलिसी होल्डर द्वारा तीसरे पक्ष को होने वाले क्षति को कवर करती है। इसे लायबिलिटी इंश्योरेंस भी कहा जाता है। यह comprehensive insurance से अलग होता है। सामान्य शब्दों में, अगर आप किसी दूसरे के संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं या उन्हें घायल कर देते हैं, तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी तीसरे पक्ष द्वारा उठाए गए नुकसान या चिकित्सा खर्चों को कवर करती है।

थर्ड पार्टी इन्सुरांस करवाना क्यों जरुरी है?

अगर आप कोई वाहन या गाडी चलाते हैं तो मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत आपके पास कम से कम थर्ड पार्टी इन्सुरांस होना अनिवार्य है। यह आपकी गाडी से किसी अन्य को होने वाले नुकसान की भरपाई करता है। यदि आपको अपनी  गाडी को भी सुरक्षित करवाना चाहते हैनं तो तोह फिर आप फर्स्ट पार्टी इन्सुरांस भी ले सकते हैं। 

Third Party Insurance कितने प्रकार के होते हैं?

थर्ड पार्टी इन्सुरांस विभिन्न प्रकार के होते हैं परन्तु उन सबका उद्देश्य एक ही होता है। कुछ third party insurance के प्रकार निम्न हैं:

तृतीय-पक्ष कार बीमा – मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार सभी वाहन मालिकों के लिए तृतीय पक्ष कार बीमा होना अनिवार्य है।

थर्ड पार्टी बाइक इंश्योरेंस – कार इंश्योरेंस की तरह ही थर्ड पार्टी बाइक इंश्योरेंस सभी दोपहिया मालिकों के लिए अनिवार्य है।

वाणिज्यिक वाहन बीमा – यदि आप एक वाणिज्यिक वाहन (commercial vehicle) के मालिक हैं, तो कानूनी देनदारियों से खुद को बचाने के लिए आपके पास एक तृतीय पक्ष बीमा पॉलिसी होनी अनिवार्य है।

सार्वजनिक देयता बीमा – पब्लिक लायबिलिटी इन्सुरांस  पॉलिसीधारक द्वारा जनता को होने वाले नुकसान के लिए कवरेज प्रदान करता है।

थर्ड पार्टी इन्सुरांस पालिसी के अन्दर कितने रुपया का क्लेम मिलता है?

एक्सीडेंट होने की स्थित में किसी को हमारे वाहन से 2 तरह के नुक्सान हो सकते हैं। पहला कोई भी ऐसी वस्तु जो जीवित नहीं है जैसे कोई अन्य गाडी, वस्तु या प्रॉपर्टी को होने वाला नुक्सान तथा दूसरा किसी इंसान को होने वाली हानी। 

यदि किसी निरजीव वस्तु को आपके four- wheeler या कार द्वारा नुक्सान पहुचता है तो इस स्थिति में थर्ड पार्टी इन्सुरांस क्लेम की लिमिट 7,50,000 रुपया है। यदि यही नुक्सान आपकी two- wheeler या मोटरसाइकिल द्वारा पहुचता है तो इस स्थिति में क्लेम की लिमिट 1 लाख रुपया होती है। 

यदि आपके द्वारा किसी इंसान को गंभीर चोट आती या या उनकी मृत्यु हो जाती है तो इस स्थिति में थर्ड पार्टी इन्सुरांस के क्लेम की कीमत कोर्ट द्वारा लगाई जाती है। 

Third party insurance claim की क्या प्रक्रिया है?

भारत में थर्ड पार्टी इन्सुरांस का दावा दो स्थिति में किया जाता है।

  1. यदि आपका नुक्सान किसी की वजह से हुआ हो तथा आपको उसके ऊपर थर्ड पार्टी इन्सुरांस क्लेम करना है।   
  2. यही किसी तीसरे को जिसको आपकी गाडी से नुक्सान हुआ हो, आपके ऊपर थर्ड पार्टी इन्सुरांस क्लेम करना है।   
  • सबसे पहले, बीमा कंपनी को दुर्घटना के बारे में सूचित करें और उन्हें सभी आवश्यक विवरण जैसे कि पॉलिसी नंबर, तिथि, घटना का समय और स्थान और वाहन का पंजीकरण नंबर प्रदान करें।
  • इसके बाद, यदि किसी तीसरे पक्ष की संपत्ति को कोई नुकसान होता है या किसी तीसरे पक्ष को चोट/मृत्यु होती है, तो स्थानीय पुलिस स्टेशन में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करें।
  • क्षतिग्रस्त वाहन या संपत्ति की तस्वीरें लें और उन्हें सबूत के तौर पर रखें।
  • यदि वाहन चलाने योग्य नहीं है तो वाहन को निकटतम गैरेज में ले जाएं और गैरेज से मरम्मत का अनुमान प्राप्त करें।
  • बीमा कंपनी द्वारा प्रदान किया गया क्लेम फॉर्म भरें, सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे कि एफआईआर, वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और मरम्मत का अनुमान संलग्न करें।
  • पॉलिसी में उल्लिखित निर्धारित समय के भीतर क्लेम फॉर्म और दस्तावेज बीमा कंपनी को जमा करें।
  • बीमा कंपनी दावे की जांच करेगी और नुकसान का आकलन करेगी। वे वाहन या संपत्ति का निरीक्षण करने के लिए एक सर्वेक्षक भी भेज सकते हैं।
  • एक बार दावा स्वीकृत हो जाने के बाद, बीमा कंपनी तीसरे पक्ष को मुआवजे की राशि का भुगतान करके दावे का निपटान करेगी।

यदि आपकी बीमा कंपनी इन्सुरांस क्लेम नहीं देती है तो उस स्थिति में क्या करें?

सबसे पहले आपको किसी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवा कर, उसकी चार्ज शीत भी दाखिल करवानी होगी। 

इसके बाद आपको एक Motor Insurance Claim Lawyer से संपर्क करना पड़ेगा।

इस तरह के मामलों की सुनवाई सिविल कोर्ट में नहीं होती। यह मामले Motor Insurance Claim Tribunal में सुने जाते हैं।

इसके बाद कोर्ट सारे सबूतों को देख कर अपना फैसला सुनाता है की आपको कितना इन्सुरांस क्लेम मिलेगा या नहीं।  

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि तृतीय पक्ष बीमा केवल तृतीय पक्ष के वाहन या संपत्ति को हुए नुकसान या तृतीय पक्ष को चोट/मृत्यु को कवर करता है। पॉलिसीधारक का अपना वाहन या संपत्ति तीसरे पक्ष के बीमा के अंतर्गत नहीं आती है।

थर्ड पार्टी इन्शुरन्स में क्या क्या फायदे होते हैं?

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी होने से कई फायदे मिलते हैं। उनमें से कुछ निम्न दिए गए हैं:

1. कानूनी फायदे – मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार, सभी वाहन मालिकों के लिए थर्ड पार्टी बीमा होना अनिवार्य है। तृतीय पक्ष बीमा पॉलिसी होने से यह सुनिश्चित होता है कि आप कानून का पालन करते हैं तथा यह आपके वाहन का चालन होने से भी बचाता है।

2. कानूनी देनदारियों के खिलाफ सुरक्षा – यदि आप किसी और की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं या उन्हें चोट पहुंचाते हैं, तो आपको नुकसान के लिए कानूनी रूप से उत्तरदायी ठहराया जा सकता है। थर्ड पार्टी बीमा पॉलिसी होने से आप ऐसी कानूनी देनदारियां बीमा कंपनी चुकाती है।

3. वित्तीय सुरक्षा – यदि आप किसी और की संपत्ति को नुकसान पहुँचाते हैं या उन्हें चोट पहुँचाते हैं, तो नुकसान या चिकित्सा व्यय की लागत आपको देनी पड़ सकती है। तृतीय पक्ष बीमा पॉलिसी होने से ऐसी स्थितियों में वित्तीय सुरक्षा मिलती है।

4. मन की शांति – यह जानकर कि आपके पास तृतीय पक्ष बीमा पॉलिसी है, आपको मन की शांति मिल सकती है, यह जानकर कि आप किसी भी दुर्घटना के मामले वित्तीय दृष्टि से सुरक्षित हैं।

Third Party Insurance कहाँ से खरीदें?

आप थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ऑनलाइन या ऑफलाइन खरीद सकते हैं। अधिकांश बीमा कंपनियां तृतीय पक्ष बीमा पॉलिसियों की ऑनलाइन बेचती हैं। इनमे से कुछ इन्सुरांस कंपनी Policy Bazaar, ACKO Insurance, Digit Insurance आदि हैं। आप विभिन्न बीमा कंपनियों की नीतियों और कीमतों की ऑनलाइन तुलना कर सकते हैं और अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप सर्वोत्तम विकल्प चुन सकते हैं। आप बीमा कंपनी के कार्यालय में जाकर या उनके एजेंट से संपर्क करके भी third party insurance खरीद सकते हैं। 

FAQs- Third Party Insurance

Q1. क्या भारत में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य है?

हां, मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार भारत में सभी वाहन मालिकों के लिए कम से कम थर्ड पार्टी इन्सुरांस करवाना अनिवार्य है।

Q2. थर्ड पार्टी इन्सुरांस के अन्दर क्या क्या कवर होता है?

तृतीय पक्ष बीमा किसी दुर्घटना के मामले में जहां पॉलिसीधारक की गलती है, तीसरे पक्ष द्वारा किए गए नुकसान या चिकित्सा व्यय को कवर करता है।

Q3. क्या मैं थर्ड पार्टी बीमा ऑनलाइन खरीद सकता हूँ?

हां, अधिकांश बीमा कंपनियां तृतीय पक्ष बीमा पॉलिसियों को ऑनलाइन भी करती हैं। इनमे से कुछ इन्सुरांस कंपनी Policy Bazaar, ACKO Insurance, Digit Insurance आदि हैं।

Q4. क्या मैं तृतीय पक्ष बीमा पॉलिसी में ऐड-ऑन जोड़ सकता हूँ?

कुछ बीमा कंपनियां तीसरे पक्ष की बीमा पॉलिसी में ऐड-ऑन जैसे व्यक्तिगत दुर्घटना कवर, शून्य मूल्यह्रास कवर और इंजन रक्षक करने की सुविधा देती हैं। आप अपने थर्ड पार्टी इन्सुरांस में ये ऐड ऑन करवा सकते हैं।

Q5. क्या तृतीय पक्ष बीमा मेरे वाहन को हुए नुकसान के लिए भी कवरेज प्रदान करता है?

नहीं, तृतीय पक्ष बीमा केवल तृतीय पक्ष को आपके द्वारा किए गए नुकसान या चिकित्सा व्यय के लिए कवरेज प्रदान करता है। यह आपके वाहन को हुए नुकसान के लिए कवरेज प्रदान नहीं करता है।

तृतीय पक्ष बीमा – Conclusion

दोस्तों आशा करता हूँ आपको Third Party Insurance Meaning in Hindi समझ आ गया होगा तथा आपको थर्ड पार्टी इन्सुरांस पालिसी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी प्राप्त हुई होगी। अगर अभी भी आपको Third Party Insurance Policy या इसके इन्सुरांस क्लेम से जुड़े कुछ सवाल हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। धन्यवाद।

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