भारत की राजनेतिक दलो (Political parties symbols in India) के प्रतीक चिन्ह
भारत में विभिन्न राजनेतिक दल (political parties) हैं और उनके अपने प्रतीक चिन्ह (election symbol) भी हैं।
जब भी आप किसी भी election में मतदान करने जाते हैं तो voting machine या ballot paper में हर उमीदवार की पार्टी का चिन्ह बना होता है|
क्या आपको पता है की यह चिन्ह (election symbol) क्यों दिए जाते हैं व उनको यह चिन्ह कौन प्रदान है।
आज हम आपको बताने वाले हैं भारत की राजनेतिक पार्टियों के चिन्हों (Indian political parties and their symbols) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।
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Party symbols in India-पार्टी चिन्ह (party symbol) क्या होता है ?
पार्टी चिन्ह (party symbol) क्या होता है ?
भारत के प्रत्येक राजनीतिक दल (political parties in India) के पास अपना एक प्रतीक चिन्ह(party symbol) होता है, जो वोटर्स को आसानी से मतपत्र पर पार्टी की पहचान करने में मदद करता है।
उदाहरण के लिए, भारतीय जनता पार्टी (BJP) का प्रतीक चिन्ह कमल(Lotus) है और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (congress) का प्रतीक चिन्ह हाथ (hand) है।
जो वोटर्स पढ़े लिखे नहीं होते उनके लिए पार्टी का प्रतीक चिन्ह(party symbol) बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
परन्तु हर उमीदवार को अपनी पार्टी के चिन्ह(election symbol) के साथ पहचाने जाने के लिए विशेष रूप से अपना योगदान देना पड़ता है।
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नेताओं की तुलना में लोग चुनाव चिन्ह(party symbol) को क्यों ज्यादा याद रखते हैं?
प्रतीक चिन्ह कमल(lotus) भारतीय जनता पार्टी (BJP) का पर्याय है और हाथ (hand) को कांग्रेस पार्टी के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
अक्सर ये देखा गया है की लोग किसी राजनेतिक पार्टी (political party) के प्रतीक को उसके उम्मीदवार से ज्यादा ध्यान में रखते हैं।
ऐसा इसलिए होता है की ज्यादा तर हर elections में राजनेतिक पार्टियों (political parties) के उम्मीदवार बदल जाते हैं
परन्तु उनका प्रतीक चिन्ह (symbol) वही रहता है।
इस से लोगो को यह समझने में आसानी होती है की उन्हें किस party को अपना मत देना है।
हालाँकि किसी व्यक्ति को अपना मत सिर्फ पार्टी के प्रतीक चिन्ह (party symbol) को देख के नहीं देना चाहिए ।
परन्तु फिर भी प्रतीक चिन्ह लोगो के दिमाग में अपनी छांप छोड़ने तथा प्रचार करने में मदद करता है।
Indian political parties symbols and flags ज्यादा लोकप्रिय क्यूँ होते हैं ?
ऐसा भी देखा गया है कि कई राजनेतिक पार्टियों (political party) के प्रतीक चिन्ह (party symbol) उनके उम्मीदवारो से ज्यादा लोकप्रिय होते हैं।
चुनाव चिन्ह voters को उनकी पसंद के उमीदवार की पहचान करके उनको मत देने में सक्षम बनते हैं।
ऐसा इसलिए भी होता है क्युकी यह राजनेतिक पार्टिया (political party) अपने इसी प्रतीक चिन्ह के साथ पहले भी चुनाव (election) लड़ चुकी होती है ।
वह अपने चुनाव का सारा प्रचार भी उन्ही प्रतीक चिन्हों(symbol) के साथ करते हैं।
कई दिग्गज नेता भी उन्ही प्रतीक चिन्हों (party symbol) के साथ अपना चुनाव लड़ चुके हैं तथा जीत भी चुके हैं।
प्रतीक चिन्ह(party symbol) हर एक पार्टी को सामान विचारधारा वाले लोगो को अपने साथ जोड़ने में भी मदद करता है।
कई बार नये उमीदवार ऐसी ही किसी लोकप्रिय पार्टी से टिकेट लेकर अपना election लड़ते हैं।
इन लोकप्रिय दलो के प्रतीक चिन्ह भी ज्यादा लोकप्रिय होते हैं।
Political parties symbols के political party को फायदे
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश हैं।
130 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में अभी भी कई लोग पिछड़े हैं व पढ़े लिखे नहीं हैं।
जब बात आती है मतदान(voting) की तो बहुत से लोग अपने मतदान का सही उपयोग करना तो चाहते हैं परन्तु पढ़े लिखे न होने के कारण जागरूकता न होने के कारण ऐसा नहीं कर पाते।
ऐसे में प्रतीक चिन्ह (party symbol) किसी भी राजनेतिक पार्टी को फायदा पहुचता है।
जागरूकता न होने के कारण कई लोग अपने क्षेत्र के उम्मीदवार को न देख कर प्रतीक चिन्ह (party symbol) को देख कर अपना मत दाल देते हैं ।
जिससे पार्टी को फायदा पहुचता है।
ऐसा इसलिए भी होता है क्युकी राजनेतिक पार्टी (political parties) अपने घोषणापत्र में बड़ी बड़ी घोषणा करती हैं।
लोगो को अपना party symbol का बटन दबाने के लिए प्रेरित करते हैं।
प्रतीक चिन्ह (party symbol) होने से किसी भी राजनेतिक दल आसानी से प्रचार कर सकते हैं ।
हर उमीदवार का अलग प्रचार करने के बजाये पार्टी चिन्ह के आगे का बटन दबाने के लिए प्रेरित करते हैं।
इस से कम जागरूकता वाले क्षेत्र में Political parties of India को बहुत फायदा पहुचता है।
पार्टियां अपने प्रतीकों को कैसे चुनती हैं? Indian political parties symbols and flags
पार्टियां अपने प्रतीकों को कैसे चुनती हैं?
राजनीतिक दलों का प्रतीक चिन्ह (party symbol) पार्टियों के उम्मीदवारों की तुलना में अधिक लोकप्रिय हो सकता है।
पार्टियों का प्रतीक चिन्ह मतदाताओं (voters) को यह पहचानने में मदद करता है कि वे किसे वोट देना चाहते हैं ।
लेकिन चुनाव चिन्ह कैसे तय किए जाते हैं?
भारत का चुनाव आयोग(Election Commission of India) विभिन्न प्रतीकों का एक संग्रह रखता है ।
जिसको वह अलग अलग पार्टियों को प्रदान करते हैं।
Indian political parties and their symbol
चुनाव चिन्ह दो प्रकार के होते हैं
- आरक्षित (reserve)
- मुक्त (free)
केवल भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस,(BSP), TMC जैसी राष्ट्रीय पार्टियों को ही चुनाव चिह्न का अधिकार मिलता है ।
आरक्षित चुनाव चिन्हों का प्रोयोग सिर्फ वो ही पार्टिया कर सकती हैं जिनको वो ECI द्वार प्रदान किये गए है।
किसी अन्य राज्य (state) व केंद्र शाशित प्रदेश (union territory)में किसी अन्य दलो द्वारा इनका प्रयोग नहीं किआ जा सकता।
किसी भी राज्य के मान्यता प्राप्त दलों जैसे आम आदमी पार्टी, AIMIM, BJD, आदि अपने चिन्ह का प्रयोग करते हैं।
इस मामले में उनके प्रतीकों का उपयोग उसी राज्य में किसी अन्य राज्य द्वारा नहीं किया जा सकता है।
यही कारण है कि बिहार में शिवसेना और झारखंड में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM) रूप में धनुष और तीर दोनों का इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन 1 राज्य में 2 पार्टी एक जैसा चिन्ह का प्रोयोग नहीं कर सकती है ।
दूसरी ओर भारत में पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (political party) को अपने प्रतीकों को मुक्त प्रतीकों के पूल से चुनने के लिए मिलता है।
यह भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) द्वारा बनाए रखा है।
मुक्त प्रतीक (Free symbol) विशेष अधिकार के बिना आता है जिसका मतलब है कि यह किसी भी दल द्वारा दावा किया जा सकता है।
political parties अपने लिए स्वयं भी प्रतीक चिन्हों का सुझाव भी दे सकती हैं।
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